सन सनन सनन सनन जा रे ओ पवन
दुर देश लेजा संदेश जहान मेरे साजन
जा रे ओ पवन
छु के चरण केहना पवन
बीरहा आंगन अब हो ना सहन
छु के चरन केहना पवन
बीरहा आंगन अब हो ना सहान
तन है यहा ओर प्राण वहा
मेरी पुजा यहान ओर भगवान वहा
ये दुरी सहे कैसे मन की मयुरी
ये दुरी सहे कैसे मन की मयुरी
बरसते है नयनो के धन ओ हो
सन सनन सनन सनन जा रे ओ पवन
दीन ना कटे दुख ना घटे
तुम से लगा नही ध्यान हटे
तुफानो मे है जलता दीया
तुफानो मे है जलता दीया
अब तुम बीन जीना कठीन है पीया
या तुम चले आओ या मुज को बुलाओ
या तुम चले आओ या मुज को बुलाओ
करो कोई एसा जतन
सन सनन सनन सनन जा रे ओ पवन
दुर देश लेजा संदेश जहान मेरे साजन
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