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Saturday, 22 August 2015

समस्या ओर जीवन

समस्या ओर जीवन 

किसी शहर में, एक आदमी प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था . वो अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं था , हर समय वो किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था .

एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक महात्मा का काफिला रुका . शहर में चारों और उन्ही की चर्चा थी.

बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुँचने लगे ,
उस आदमी ने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया .

छुट्टी के दिन सुबह -सुबह ही उनके काफिले तक पहुंचा . बहुत इंतज़ार के बाद उसका का नंबर आया .

वह बाबा से बोला ,” बाबा , मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ , हर समय समस्याएं मुझे घेरी रहती हैं , कभी ऑफिस की टेंशन रहती है , तो कभी घर पर अनबन हो जाती है , और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ ….

बाबा कोई ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएं ख़त्म हो जाएं और मैं चैन से जी सकूँ ?

बाबा मुस्कुराये और बोले , “ पुत्र , आज बहुत देर हो गयी है मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा … लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे …?”

“हमारे काफिले में सौ ऊंट 🐪 हैं ,
मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका खयाल रखो …
जब सौ के सौ ऊंट 🐪 बैठ जाएं तो तुम भी सो जाना …”,

ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए ..

अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले और पुछा , “ कहो बेटा , नींद अच्छी आई .”

वो दुखी होते हुए बोला :
“कहाँ बाबा , मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया. मैंने बहुत कोशिश की पर मैं सभी ऊंटों🐪 को नहीं बैठा पाया , कोई न कोई ऊंट 🐪 खड़ा हो ही जाता …!!!

बाबा बोले , “ बेटा , कल रात तुमने अनुभव किया कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो सारे ऊंट 🐪 एक साथ नहीं बैठ सकते …

तुम एक को बैठाओगे तो कहीं और कोई दूसरा खड़ा हो जाएगा.

इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी ..

पुत्र जब तक जीवन है ये समस्याएं तो बनी ही रहती हैं … कभी कम तो कभी ज्यादा ….”

“तो हमें क्या करना चाहिए ?” , आदमी ने जिज्ञासावश पुछा .

“इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो …

कल रात क्या हुआ ? 
1) कई ऊंट 🐪 रात होते -होते खुद ही बैठ गए , 
2) कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए ,
3) बहुत से ऊंट 🐪 तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे … और बाद में तुमने पाया कि उनमे से कुछ खुद ही बैठ गए ….

कुछ समझे ….?? 
समस्याएं भी ऐसी ही होती हैं..

1) कुछ तो अपने आप ही ख़त्म हो जाती हैं ,
2) कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो …
3) कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होतीं ,

ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो … उचित समय पर वे खुद ही ख़त्म हो जाती हैं.!!

जीवन है, तो कुछ समस्याएं रहेंगी ही रहेंगी …. पर इसका ये मतलब नहीं की तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो …

समस्याओं को एक तरफ रखो 
और जीवन का आनंद लो…

चैन की नींद सो …

जब उनका समय आएगा वो खुद ही हल हो जाएँगी"...

बिंदास मुस्कुराओ क्या ग़म हे,..
ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम हे..

अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम हे..
जिन्दगी का नाम ही
कभी ख़ुशी कभी ग़म हे..!!

Sunday, 16 August 2015

जीवन का हल

जीवन का हल 
एक बार एक नव युवक गौतम बुद्ध के पास पहुंचा और बोला
“महात्मा जी, मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत परेशान हूँ , कृपया इस
परेशानी से निकलने का उपाय बताएं।

बुद्ध बोले: “पानी के गिलास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पियो..।”

युवक ने ऐसा ही किया.।
“इसका स्वाद कैसा लगा ?” बुद्ध ने पुछा।

“बहुत ही खराब, एकदम खारा” युवक थूकते हुए बोला ।

बुद्ध मुस्कुराते हुए बोले: 
“एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक ले लो और मेरे पीछे-पीछे आओ। दोनों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे और
थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए।

“चलो, अब इस नमक को पानी में डाल दो , बुद्ध ने निर्देश दिया।" 
युवक ने ऐसा ही किया ।

“अब इस झील का पानी पियो”, बुद्ध बोले ।
युवक पानी पीने लगा,

एक बार फिर बुद्ध ने पूछा: “बताओ इसका स्वाद कैसा है,
क्या अभी भी तुम्हे ये खारा लग रहा है ?” 

“नहीं, ये तो मीठा है , बहुत अच्छा है ”, युवक बोला ।

बुद्ध युवक के बगल में बैठ गए और उसका हाथ थामते हुए बोले:

“जीवन के दुःख बिलकुल नमक की तरह हैं, न इससे कम ना ज्यादा ।
जीवन में दुःख की मात्रा वही रहती है, बिलकुल वही।

लेकिन हम कितने दुःख का स्वाद लेते हैं, ये इस पर निर्भर करता है कि हम उसे किस पात्र में डाल रहे हैं।

इसलिए जब तुम दुखी हो तो सिर्फ इतना कर सकते हो कि खुद के मन को बड़ा कर लो, 

ग़िलास मत बने रहो 

झील बन जाओ ।

Tuesday, 11 August 2015

जीवन का मूल्य

गुरु के पास एक आदमी गया और उसने कहा बताईये गुरूजी जीवन का मूल्य क्या है ?

गुरू ने उसे एक Stone दिया और कहा जा और इस Stone का मूल्य पता करके आ लेकिन ध्यान रखना Stone को बेचना नही है I
            
वह आदमी Stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और  संतरे वाले को दिखाया और बोला, "बता इसकी कीमत क्या है ?"

संतरे वाला चमकीले Stone को देखकर बोला 12 संतरे ले जा और इसे मुझे दे जा I

वह आदमी संतरे वाले से बोला, "गुरू ने कहा है इसे बेचना नही है I" 

और आगे एक सब्जी वाले के पास गया उसे Stone दिखाया I

सब्जीवाले ने उस चमकीले Stone को देखा और कहा, "एक बोरी आलू ले जा और इस Stone को मेरे पास छोड़ जा I"

उस आदमी ने कहा मुझे इसे बेचना नही है मेरे गुरू ने मना किया है I
       
आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के पास गया उसे Stone दिखाया I

सुनार उस चमकीले Stone को देखकर बोला, "50 लाख मे बेच दे" उसने मना कर दिया तो सुनार बोला, "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे".....

उस आदमी ने सुनार से कहा, "मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है I"

आगे हीरे बेचनेवाले एक जौहरी के पास गया उसे Stone दिखाया I

जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया, फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई, माथा टेका, फिर जौहरी बोला, "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी ? सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती ये तो बेसकीमती है I"
          
वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे गुरू के पास अपनी आपबिती बताई और बोला, "अब बताओ गुरूजी मानवीय जीवन का मूल्य क्या है ?"
             
गुरू बोले, "तूने पहले Stone को संतरेवाले को दिखाया, उसने इसकी कीमत 12 संतरे की बताई I आगे सब्जीवाले के पास गया उसने इसकी कीमत 1 बोरी आलू बताई I आगे सुनार ने 2 करोड़ बताई और जौहरी ने इसे बेसकीमती बताया I

अब ऐसे ही तेरा मानवीय मूल्य है I इसे तु 12 संतरे मे बेच दे या 1 बोरी आलू मे या 2 करोड़ मे या फिर इसे बेसकीमती बना ले ये तेरी सोच पर निर्भर है कि तु जीवन को किस नजर से देखता है I"
🙏💛🙏

તમારું મુલ્ય કેટલું છે તે તમારી ઉપર નિર્ભર છે

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